बीते हुए वक़्त आज भी सामनसे गुज़रा करते हैं,
किस्से कहनियाँ अपने दौर की आज भी लुभाया करते हैं,
मंजिल बदल गई, रास्ते भी हमने चुन लिया अपना,
मगर अपने बागबां की महक आज भी हर ज़र्रे में बसा करते हैं ,
गुज़रे चाहे हर वक़्त इस जहां के टैब भी वो वक़्त लौट नही करते हैं
@sbRadicle✒