कुछ बातें इस दौर की समझ ना आती,
कोशिश कर रहा पर, हकीकत हालात से हार जाती,
कुछ किस्सा को दफन हो गया फिरदौश में,
जिसकी दिल आज भी सुनवाई कर जाती,
बस एह्साह ही है जो जिंदा रखती है हमें
वरना हमरी भी रूहानियत से भेंट हो जाती ।।
@sbRadicle
कुछ बातें इस दौर की समझ ना आती,
कोशिश कर रहा पर, हकीकत हालात से हार जाती,
कुछ किस्सा को दफन हो गया फिरदौश में,
जिसकी दिल आज भी सुनवाई कर जाती,
बस एह्साह ही है जो जिंदा रखती है हमें
वरना हमरी भी रूहानियत से भेंट हो जाती ।।
@sbRadicle
तुझसे आज अपना ईमान मांगते है,
इस जहां से जुड़ा तेरा हर पैगाम मांगते हैं,
हर जिश्म हर मकान नही देख पाती आये मेरे रब,
पर हर जहां में तुझसे मिलने की चाहत मांगते हैं।
दुआ है बस रब मुझे तुझसे रांझीश न देना
मुक़ाम मेरी बस तू ही हो
बस पहचान मेरी बात देना
ताकि कीमत इस जहां की मुझसे अधूरी न हो
कामयाब तो हर कोई होता ही है,
कुछ शोहरत से तो कुछ शराफत से होता है,
दस्तूर-ऐ-दुनिया, तेरी पहेली भी निराली है
कुछ की शक़सीयत बनता है तो कुछ का लिए शहादत होता है,,,,,,
@sbRadicle✒
कस्ती जीवन की न जाने कौन किनारे जाती है,
हर लहर जिसकी बहती जाती है,
लोग कहते है इसलिए जीवन कुछ नही...
बस एक मंद गति की धारा है...
एक मजधार की पंक्ति सुनाता हुन
किस्सा जिसका में गुनगुनाता हुन
कहता था ज़िन्दगी जिसे मैं
आज भी जिंदा हुन उसे बतलाता हुन
☯
ए हसी, एक लम्हा थे तुम,
दिन महीने साल से सदी बन गए हो,
हर कतरे में छिपी मुस्कुराहट थे तुम,
आज हर ज़र्रे की मुक्तलिफ़ हो गए हो ।
यह है उस पर्वतदगार का रिस्ता मुसलसल है मुझसे,
जो आज भी हर कतरों मे थोड़ा सा बसे हो तुम..
आए हसी आज भी एक लम्हा हो तुम...