Saturday, May 7, 2011

Ye thehra hua waqt...

ठहर  जाये  ये  वक़्त  येही  और
आपको  ही  बस  मैं  देखता  रहूँ
ख़ामोशी  भरी  नज़रों  में  आपकी
हाले-दिल  अपनी  चुपके से केह  जाऊं 

इस  रुके  हुए  वक़्त  में  जब
आप  बैठी  रहे  यूँ  साथ  मेरे
और  हम  बस  निहारा  करे  आपको
के  आप  खो  जाओ  आँखों  में  हमारे

आपने जब यूँ  कंधे  पर  सर  रखा
मनचली  हवाएं  तबसे  बहता  गया
और  जब  लिया  हाथों  में  हाथ  आपने
तो  धड़कन  मनो  वहीँ  रुक  सा  गया

प्यार  भर  गया  था  हर  नज़ारे  में
जी  चाहा  समेट  लूँ  हर  लम्हों  को
इसिलीए  वक़्त से गुज़ारिश  कर  बैठा
थोड़े और पल  दे दे संग  उसके बिताने  को

पर  वो  भी  निकला  प्यार  का  देवाना
केह  गया, जी  ले ये  लम्न्हे  प्यार  के
बस  वादा  कर  दे  इतना  मुझे
दिल  न  तोडना  कभी  अपने  यार  के

No comments:

Post a Comment