Thursday, November 8, 2018

Kuch panktiyaan ...7

हर हसरत आज एक मूरत बन गयी,
खुदा तेरी तोफे से आज रूहानियत मिल गयी,
संगेमरमर की तारीफ में ग़ज़लें लिखी गयी,
पर ए उसकी सूरत जो देखी आज रियासतें कम हो गयी ।

मेहरबान हूँ तेरा आज तेरी क़ुरबत से
इस मुस्कुराहट पे उसके चाहत से
चाहत में जिसके हूँ सुबह शाम से
आज हथेली पे उसके खुशियां हर जहां से ||
@sbRadicle

Saturday, November 3, 2018

Kuch panktiyaan ...6

कुछ बातें वक़्त के मुलजिम बन जाते हैं,
और कुछ दिल की सौगात बन जाते हैं,
कैद तो हम खुद के लब्जों में हैं
और इल्ज़ाम ज़माने के शोर को बताते हैं

कितनों को आज इस वक़्त ने सवेरे
कुछ तो वक़्त के सहारे ही वक़्त गुज़रे
हुम तो बेगुनाह होते हुए भी इंतेज़ार कर रहे हैं
उस घड़ी जब हर लम्हों को वक़्त आज़ाद कर रहे हैं।

@sbRadicle