Monday, May 15, 2017

कौन राम यहाँ कौन रावण यहाँ

कौन राम यहाँ कौन रावण यहाँ ।
रहता तो है सिर्फ इंसान यहाँ ।
आज कृष्ण भी इंसान और कंस भी इंसान ।
देव और दानव के रूप दोनो उसीकी निषान ।

हर युग में अत्याचार अशुर देते थे ।
संहार उनका करने खुद इस्वर आते थे ।
मगर आज तो इंसान ही दानवीर कर्ण बनता है ।
और इंसान ही दुस्ट दुशासन बनता है ।

आज युग मे इंसान, इंसान को मरता है
शैतान का रूप खुद ही धारण करता है ।
जहाँ पहले राख्याश को देख घबराते
हाँ आज इंसान से इंसान दर दूर भागते ।

है इस्वर कब इसान इंसान केहलाएंगे
खुद में बैठा रावण मार पाााएंगे ।
आज न राम ना कृष्ण पधारेंगे यहां
इंसान को खुद ही सजना होगा ये जहां ।

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